ब्राह्मणों ने ही बसाया था कुलधरा को
इस गांव की पुस्तकों और साहित्यिक वृत्तांतों से पता चलता है कि पाली के एक ब्राह्मण कधान ने सबसे पहले इस जगह पर अपना घर बनाया था। वहां पर एक तालाब भी खोदा था, जिसका नाम उसने उधनसर रखा था। पाली ब्राह्मणों को पालीवाल कहा जाता था। कुलधरा गांव मूल रूप से ब्राह्मणों ने बसाया था, जो पाली क्षेत्र से जैसलमेर चले गए थे और कुलधरा गांव में बस गए थे।
यहां देवी मंदिर भी है, जो खंडहर हो चुका
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित तरीके से रखा जाने वाला कुलधरा गांव अब एक ऐतिहासिक स्थल है। यहां पर्यटक घूमने आते हैं। यहां एक देवी मंदिर भी है, जो अब खंडहर हो चुका है। मंदिर के अंदर शिलालेख है जिसकी वजह से पुरातत्वविदों को गांव और इसके प्राचीन निवासियों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने में मदद मिली है।
सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक घूम सकते हैं यहां
कुलधरा गांव जैसलमेर से 14 किमी दूर है। ये जगह, राजस्थान में होने की वजह से अत्यधिक गर्म है। यहां घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच है। गांव में आप रोजाना सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक घूमना-फिरना कर सकते हैं। चूंकि ये जगह भूतिया मानी जाती है, इसलिए स्थानीय लोग सूर्यास्त के बाद द्वार बंद कर देते हैं। कुलधरा गांव में एंट्री फीस 10 रुपए प्रति व्यक्ति है। घूमने के दौरान झलकियां आपको यहां देखने को मिल जाएंगी। कुलधरा क्षेत्र एक विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें लगभग 85 छोटी बस्तियां शामिल हैं। गांवों की सभी झोपड़ियां टूट चुकी हैं और खंडहर हो चुकी हैं।
ये मिथक जानना जरूरी
प्रचलित मिथक के अनुसार, 1800 के दशक में, गांव मंत्री सलीम सिंह के अधीन एक जागीर या राज्य हुआ करता था, जो कर इख्ठा करके लोगों के साथ विश्वासघात किया करता था। ग्रामीणों पर लगाया जाने वाले कर की वजह से यहां के लोग परेशान रहते थे। ऐसा कहा जाता है कि सलीम सिंह को ग्राम प्रधान की बेटी पसंद आ गई और गांव वालों को इसपर धमकी दे डाली कि अगर उन्होंने इस बात की विरोध करने की कोशिश की या रस्ते में आए, तो वह और कर वसूल करने लगेगा। अपने गांव वालों की जान बचाने के साथ-साथ अपनी बेटी की इज्जत बचाने के लिए मुखिया समेत पूरा गांव रातों-रात फरार हो गया। गांव वाले गांव को छोड़कर किसी दूसरी जगह पर चले गए। ऐसा कहा जाता है कि गांव वालों ने जाते समय गांव को ये श्राप दिया था कि यहां आने वाले दिनों में कोई नहीं रह पाएगा।
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