बुधवार, 13 मई 2020

कहते हैं रात के समय इस महल में नाचती हैं नर्तकी की रूह

राजस्थान के अलवर जिले में स्थित भानगढ़ का किला एशिया की सबसे डरावनी जगहों में से एक माना गया है। सरकारी आदेश है कि यहां शाम 6 बजे के बाद किसी को भी रुकने न दिया जाए। इसलिए यहां सैलानियों को 5:30 होते ही किले से बाहर निकालना शुरू कर दिया जाता है। ताकि भूल से भी कोई इसके अंदर न रह जाए...

तांत्रिक की बुरी नियत से बर्बाद हो गया समृद्ध नगर

भानगढ़ एक प्राचीन नगर है। मान्यता है कि एक तांत्रिक की बुरी नियत इस नगर के विनाश का कारण बनी। इतिहास के अनुसार, भानगढ़ का निर्माण आमेर के राजा भगवंत दास ने 1573 ई. में अपने छोटे बेटे माधो सिंह के लिए कराया। बाद में इनकी 3 पीढ़ियों ने इस नगर पर राज किया।

अभिमंत्रित तेल ने बिगाड़ दिया सब खेल

कहा जाता है कि भानगढ़ की राजकुमारी रत्नावती अत्यंत सुंदर थी। इस राज्य में एक सिंघिया नाम का तांत्रिक राजकुमारी पर मोहित हो गया। वह रत्नावती से विवाह करना चाहता था लेकिन यह संभव नहीं था। ऐसे में उसने नगर के हाट से राजकुमारी के लिए तेल खरीदने आई दासी को अभिमंत्रित किया हुआ तेल दे दिया। ताकि तेल के प्रभाव से राजकुमारी सम्मोहन में उसकी तरफ खिंची चली आए। लेकिन जाते वक्त दासी के हाथ से वह शीशी छूटकर एक शिला पर गिर गई। तेल गिरने से वह शिला चटककर तांत्रिक की तरफ खींचने लगी और शिला के नीचे दबकर उस तांत्रिक की मौत हो गई।

भटकती हैं नगरवासियों की आत्मा

लेकिन मौत से पहले ही उस तांत्रिक ने अपनी तंत्रविद्या के प्रभाव से नगर को ध्वस्त करने की जमीन तैयार कर दी। उसने नगर को विनाश का शाप दे दिया। कहा जाता है कि तांत्रिक की मौत के बाद राजकुमारी सहित भानगढ़ के किसी निवासी ने अगला सूरज नहीं देखा। पूरा नगर एक रात में ही विरान हो गया। यह सब कैसे हुआ इस बारे में कई तरह की बातें लोग बताते हैं। माना जाता है कि इस तरह अकाल मृत्यु के कारण आज भी वहां के निवासियों की आत्माएं यहां भटकती हैं।